ब्यावर के 152 साल के शिक्षा जगत का सफर
ब्यावर मंे शिक्षा का प्रसार व प्रचार
रचनाकारः वासुदेव मंगल  

www.vausdeomangal@gmail.com 


ब्यावर की स्थापना के पश्चात 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में शिक्षा का प्रचार प्रसार आरम्भ हो चुका था। ब्यावर नगर शुरू से ही भिन्न भिन्न धर्मावलम्बियों का नगर रहा है। यहाॅं हिन्दू, मुसलिम, सिक्ख, ईसाई, आर्यसमाज, जैन धर्मों के लोगों द्वारा अलग अलग स्कूल चलाये गये जो कालान्तर में क्रमोन्नत होकर महाविद्यालयों का रूप ने चुके हैं।
सबसे पहिले कर्नल डिक्सन ने ब्यावर मंे सन् 1850 ईं. में वर्नाक्यूलर प्राइमरी स्कूल की स्थापना की जो वर्तमान में चम्पालालजी की स्कूल, सरावगी मोहल्ले में थी। कालान्तर में यह स्कूल म्यूनिसिपल द्वारा अधिग्रहीत कर ली गई थी। इसीलिए यह स्कूल म्यूनिसिपल हाॅलेण्ड स्कूल कहलाई और आज पटेल स्कूल के नाम से जानी जाती है। उस वक्त इस स्कूल में कक्षा चार तक की पढ़ाई कराई जाती थी। आरम्भ में उर्दू और अंगे्रजी भाषा ही पढ़ाई जाती थी। बाद में, इस स्कूल में महाजनी की पढ़ाई भी कराई जाने लगी।

सन् 1860 में दी यूनाईटेड प्रेसबिटेरियन चर्च आॅफ स्काटलैण्ड द्वारा रेवरेण्ड डा. विलियम शूलबे्रड के नेतृत्व में ईसाई मिशनरी का प्रचार प्रसार ब्यावर और इसके आस पास के गाॅंवों में किया जाने लगा। इसी श्रृंखला के अन्तर्गत सन् 1860 में डिग्गी मौहल्ले में एक मिशन स्कूल की स्थापना की गई। वर्तमान में इस स्थान पर डिग्गी मौहल्ले में श्रीमूलचन्दजी पहाडि़या व जगन्ननाथजी शर्मा आदि के मकान है। बाद में यह स्कूल अपने निजी परिसर में सन् 1872 से लगातार चलाया जा रहा है। यह परिसर चर्च के पास टेगरी पर बना हुआ है। प्रारम्भ में यह स्कूल प्राथमिक स्तर पर ही चलाया गया था। बाद में इसको माध्यमिक स्तर तक का क्रमोन्नत कर दिया गया। यह शिलशिला बीसवीं सदी के प्रथम दशक तक चलता रहा। बाद में इस स्कूल को क्रमावनत कर दिया गया।

मिशन बाॅयस स्कूल


चूकिं यह काल धर्म जागरण काल था। अतः सभी धर्मो के धर्माचार्य अपने अपने धर्म के प्रचार प्रसार के अन्तर्गत राजपूताना में भी शिक्षण संस्थाओं की स्थापना करने पर जोर देते रहे। परिणामस्वरूप अलग अलग धर्मों के लोगों ने स्कूलों की स्थापना करना आरम्भ कर दिया। इसी सिलसिले में सन 1881 के सितम्बर माह में क्रान्तिकारी सन्यासी महर्षि दयानन्द भी ब्यावर में पधारे उन्होने ब्यावर में शिक्षा की जरूरत पर जोर दिया था जो उस समय वक्त की पूकार थी। विशेषकर स्त्री शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया।
सन् 1904 में स्वामी प्रकाशानन्दजी सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते हुऐ ब्यावर पधारे। उनकी प्ररेणा से बाॅकें बिहारी के मन्दिर, सूनारों की गली में सनातन धर्म प्रकाशक संस्कृत पाठशाला आरम्भ की गई जो कालान्तर में विनोदीलालजी भार्गव के मकान तेजाचैक में स्थानान्तरित कर दी गई। यह परिसर वर्तमान में लोढ़ा मार्केट कहलाता है। इस परिसर से यह पाठशाला नवरंगरायजी के नोहरे डिग्गी मौहल्ले में स्थानान्तरित की गई। सन् 1910 में सनातन धर्म सभा द्वारा एक नये भवन का निर्माण राठीजी की हवेली के सामने कर दिया गया। तब से यह पाठशाला इस परिसर में चलाई जा रही है जो आज संस्कृत महाविद्यालय का रूप ले चुकी है। इस परिसर में सनातन धर्म प्रकाशक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी साथ साथ चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सनातन धर्म राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की एक शाखा देलवाड़ा रोड़ पर भी चलाई जा रही है। इसके अतिरिक्त गिब्सन होस्टल परिसर में सनातन धर्म पब्लिक स्कूल भी चलाया जा रहा है। टाटगढ़ रोड़ पर सनातन धर्म राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चलाया जा रहा है। सनातन धर्म काॅलेज सन् 1931 में आरम्भ किया गया। जहाॅ पर इंटरकाॅमर्श की पढ़ाई कराई जाती रही है। यह महाविद्यालय उस वक्त राजपूताना में वाणिज्य संकाय में एक मात्र महाविद्यालय था। यहाॅं पर राजपूताना की सभी रियासतों से विद्यार्थी अध्ययन करने के लिये आते थे। यह महाविद्यालय सन् 1954 में स्नातकस्तर पर क्रमोन्नत कर दिया गया। तत्पश्चात् सन् 1956 में इस महाविद्यालय को स्नातकोत्तर स्तर पर क्रमोन्नत कर दिया गया। तब से इस महाविद्यालय में तीनों संकायों में स्नातकोत्तर स्तर तक की पढ़ाई कराई जाती है।

Agarsen School.jpg
Agarsen School.jpg
Ailak Pannalal Digamrar Jain School.jpg
Ailak Pannalal Digamrar Jain School.jpg
Bal Mandir School.jpg
Bal Mandir School.jpg
BrahmKumaryVisv-Vidhyal.jpg
BrahmKumaryVisv-Vidhyal.jpg
Central Academy School.jpg
Central Academy School.jpg
Girls School (Shahpura Mohalla).jpg
Girls School (Shahpura Mohalla).jpg
Girls School Chhawani.jpg
Girls School Chhawani.jpg
Jain Gurukul School.jpg
Jain Gurukul School.jpg
Kendriya Vidyalaya.jpg
Kendriya Vidyalaya.jpg
Mishan Boys School.jpg
Mishan Boys School.jpg
Patal-School.jpg
Patal-School.jpg
Rang Mahal School.jpg
Rang Mahal School.jpg
Sanatan School.jpg
Sanatan School.jpg
Sent Paul School.jpg
Sent Paul School.jpg
Shree Narsingh Agarsen School.jpg
Shree Narsingh Agarsen School.jpg
Vardhman  Kanya College.jpg
Vardhman Kanya College.jpg
Govt. College.jpg
Govt. College.jpg
Missing Boys School.jpg
Missing Boys School.jpg
Patel School01.jpg
Patel School01.jpg
Patel School02.jpg
Patel School02.jpg
mohammad-ali-School.jpg
mohammad-ali-School.jpg

 

स्वामी दयानन्द सरस्वती की प्ररेणा से नन्दरामजी स्वर्णकार के छोटे भाई की पत्नि श्रीमति गोदावरीबाई ने विक्रम सं. 1970 यानी सन् 1912 ई. में गोदावरी प्राईमरी कन्या विद्यालय की स्थापना आर्य समाज गली मंे की। जबसे यह विद्यालय लगातार आज भी चलाया जा रहा है। कालान्तर में यह विद्यालय क्रमोन्न्त कर दिया गया। सन् 1976 में इस विद्यालय ने डी ए वी कन्या महाविद्यालय का रूप गृहण कर लिया। इस प्रकार गोदावरी कन्या विद्यालय व डी ए वी बालिका महाविद्यालय पास पास में अलग अलग परिसर में वर्तमान में चलाये जा रहे हैं। वर्तमान आर्य समाज मन्दिर परिसर का शिलान्यास तत्कालीन भामाशाह सेठ दामोदरदास जी राठी ने सन् 1911 में किया। यहीं गोदावरी स्कूल के पास सन् 1976 में बैंक के नोहरे में कन्या महाविद्यालय का नया परिसर बनवाया गया।
सन् 1920 में ब्यावर में बालिका शिक्षण संस्था के अभाव की पूर्ति तत्कालीन एक्ट्ा असिसटेन्ट कमिश्नर श्रीबृजजीवनलालजी व श्रीसोहनलालजी शर्मा आॅनरेरी मजिस्टे्र्ट ने एक सोसाईटी के अन्र्तगत, न्यू काॅटन वूल पे्रस स्टेशन के श्रीमोतीलालजी चैखाणी की तरफ से, डिग्गी मौहल्ले के चैराहे पर एक परिसर का निर्माण करवाकर एक कन्या पाठशाला सोसाईटी गल्र्स स्कूल के नाम से आरम्भ की। वर्तमान में यह विद्यालय क्रमोन्नत होकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में चलाया जा रहा है। सन् 1959 में राज्य सरकार ने सैय्यद के मजार के पास छावनी रोड़ पर नया भवन बनवाकर दिया। यहाॅं पर भी वर्तमान में राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चलाया जा रहा है।
सन् 1920 में शान्ति जैन प्राईमेरी स्कूल, पपलिया बाजार में, सेठ धूलचन्द कालूराम कांकरिया के मकान के समीप उनके द्वारा स्कूल परिसर बनाकर, अक्षय तृतीया के रोज आरम्भ किया गया। यह विद्यालय भी वर्तमान में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्तर पर चलाया जा रहा है। इसी प्रकार जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा टाटगढ़ रोड़ पर चार मील के पत्थर पर जैन गुरूकूल स्कूल की स्थापना की गई। यह विद्यालय भी वर्तमान में राजकीय उच्चतर माध्यमिक स्तर पर चलाया जा रहा है। सन् 1996 को नेहरू नगर में जैन धर्मावलम्बियों द्वारा एक भव्य परिसर का निर्माण कर वर्धमान कन्या महाविद्यालय आरम्भ किया गया। इस प्रकार अलग अलग धर्म के लोगों द्वारा अलग अलग समय में अलग अलग स्कूल व कालेज स्थापित किये गये।
इसी तरह सिक्ख पंथ द्वारा स्टेशन के प्रेस के पास गुरूद्वारा स्कूल चलाया जा रहा है। इसी प्रकार सेठ चम्पालाल रामस्वरूप की नसिया में ऐलक पन्नालाल स्कूल चलाया जा रहा है। यह स्कूल बाद सेदगम्बर जैन पंचायती नसिया प्रागंण में चलाया जा रहा है। वर्तमान में यह विद्यालय उच्च माध्यमिक स्तर पर चलाया जा रहा है।
ब्यावर के अनेक विद्यार्थी प्रकाण्ड विद्वान हुऐ हैं जिन्होने राष्ट्र्ीय एवं अन्र्तराष्ट्र्ीय स्तर ख्याति अर्जित की है। इनमें रामकिशोरजी भार्गव जिन्होंने बीज गणित की /एलजबरा/ की पुस्तक लिखी हैैं। इसी प्रकार रामप्रतापजी शास्त्री, श्रीधरजी शास्त्री, चन्द्रशेखरजी शास्त्री, जो जगन्नाथपुरी के शंकराचार्य स्वामी निरंजनदेव तीर्थ के नाम से विख्यात हुए है। बालमुकुन्द बैरिस्टर, कान्तकिशोर भार्गव जिन्होंने सन 1958 में आई एफ एस में इण्डिया में टोप किया जो बाद में सार्क देशों के महासचिव पद से सेवानिवृत हुए। इसीि प्रकार मुकुट बिहारीलाल भार्गव, सेठ दामोदरदास राठी, पन्नालाल गोठी, कीर्तिस्वरूप रावत, दीवान बहादुर प्यारेलालजी भार्गव, बिहारी लालजी वर्मा, अब्दूल हबीब रहमानी जिन्होंन बहुलिपीय टाईप प्रणाली का अविष्कार किया है और जो लेखक भी है, राधेश्याम त्रिपाठी आदि।


ब्यावर की शिक्षण संस्थाएँ 


सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय, दयानन्द आर्य कन्या महाविद्यालय, वर्द्धमान कन्या महाविद्यालय, गोदावरी आर्य सीनियर सैकण्डरी गल्र्स स्कूल, छावनी सीनियर सैकण्डरी गल्र्स् स्कूल, डिग्गी सीनियर सैकण्डरी गल्र्स् स्कूल, पटेल सीनियर सैकण्डरी स्कूल, सनातन घर्म सीनियर सैकण्डरी स्कूल - देलवाड़ा रोड़, सनातन धर्म सैकण्डरी स्कूल - राठीजी की हवेली के सामने, सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय, सनतान धर्म पब्लिक स्कूल - गिब्सन हाॅस्टल, जैन गुरूकुल सीनियर सैकण्डरी स्कूल, मोहम्मद अली सीनियर सैकण्डरी स्कूल, अशोक नगर उच्च माध्यमिक विद्यालय, सेन्ट्र्ल एकेडमी स्कूल, सेन्टपाॅल स्कूल, मिशन गल्र्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल, संत माक्र्स स्कूल, शान्तिजैन सैकण्डरी स्कूल, सन्त एक्स वियर पब्लिक स्कूल, केन्द्रिय विद्यालय, श्रीनृसिंह अग्रसेन विद्यापीठ, चिम्मनसिंह लोढ़ा स्कूल, आदर्श इंगलिश मिडि़ल स्कूल, आदर्श विद्यामन्दिर, बाल विद्यामन्दिर, ऐलक पन्नालाल नसिया स्कूल, ठमानुुएल मिशन स्कूल, इंग्लिश टेकरी स्कूल, बेबी हैप्पी इंग्लिश स्कूल, विवेकानन्द इंग्लिश स्कूल, जागृति पब्लिक स्कूल, शारदा पब्लिक स्कूल, भॅंवरलाल गोठी पब्लिक स्कूल नाॅबल एकादमी, धनराय विनायकिया पब्लिक स्कूल, संजय स्पेशन स्कूल, श्री पुष्प विद्यामन्दिर।

शिक्षाविद


नृसिंहदास जी सीखवाल, अजीम बख्श, गयाप्रसाद, छीतरमलजी, गणेशीलालजी लाटा, गणेशीलालजी डक, ईश्वरशरणजी माथुर, मोहनलाल मुज्जू, लालचन्द डोसी, मार्टिन, लाल, पे्रमलाल रेमस्डन, भीमसेन, जोजफ, घोष, ए एन डेविड, विश्वम्भरदयाल भार्गव, सोलोमन, सम्पतराम चैबे, कन्हैयालालजी गार्गिया, गुरूदयाल चतुर्वेदी, पी डी एरियल, बिहारीलाल वर्मा, पी. एल रेम्सडन, रजोरियो, रहमत मसीह, श्रीनिवासजी शर्मा, कमल सेन मोहम्मद उमरदराज, मोहम्मद युसुफ, राजवीर सिंह कंवरलाल गोयल, प्रकाशचन्द, सागरमलजी जैन, पण्डित मदनलालजी, जेठमलजी साध, पण्डित पुरूषपोत्तम लालजी, पण्डित सुखलालजी, मोहनलाल शर्मा, बालकुकुन्द जाट, माधोमनोहर लाल चतुर्वेदी, बसन्त कुमार सरकार, मुरारीलालजी वर्मा, जगदीश नारायणजी जोशी, देवीप्रशादजी माथुर, एम के चक्रवर्ती, चन्द्र प्रकाशजी शर्मा, केसरीमलजी बाकलीबाल, सुरजकरणजी शर्मा, शिवचरणलालजी गुप्ता, भूरालालजी अगरवाल, शिववल्लभजी द्विवेदी, रामबाबू बंसल, जयनारायण मालपानी, विश्वम्भरदयाल गोयल, गोविन्दरामजी पीपावत, बृजलालजी प्रभुदयालजी शर्मा, गौरी शंकरजी शर्मा, श्री रामेश्वरजी, रघुवरदत्तजी, रतनलालजी जती, पूनमचन्दजी, प्यारेलाल वर्मा, शंकरप्रशाद उपाध्याय, जालिमसिंहजी मेड़तवाल, गोरीलालजी नाहार, सम्पत्तराज जैन, शोभाचन्दजी भारिल्ल, इन्द्रचन्द मंगल, मिस किंग, मिस एटकिन्स, श्रीमती भीमसेन, श्रीमती सत्यानादन, मिस मेकलौण्ड, मिस एम विलियमसन, ई वी सिंह, श्रीमती रम्भावती देवी, श्रीमती गोदावरी बाई, श्रीमती शकुन्तला देवी शर्मा, श्रीमती सरस्वतीदेवी, श्रीमती रामेश्वरीदेवी, श्रीमती रेवतीदेवी चर्तुवेदी, श्रीमती गोग्याबाई, श्रीमती कमला देवी, श्रीमती जमनादेवी, कॅंवरलालजी शर्मा मक्खनलालजी शर्मा, श्रीमती पीटर, श्रीमती वर्मा, श्रीमती चन्द्रकलादेवी चर्तुवेदी, श्रीमती प्यारीदाउद श्रीमती उमा दयाल, श्रीमती विमला देवी, श्रीमती शान्तिदेवी, श्रीमती करणसिंह, लालसिंहजी ज्ञानी, श्रीमती लजवन्ती, श्रीमती विजयभटनागर, श्रीमती प्रीतमकुंज, श्रीमतिनरेन्द्रकुंज, श्रीमती माया कुंज, श्रीमती उर्मिला शर्मा, श्रीमती सकून्तला चैधरी, श्रीमती निस्काम बाला शर्मा, श्रीमती द्रोपदी मूल चन्दानी, श्री खजानसिंह, किशोरीलाल गुप्त, भीम सेन, डा आर एन बागची, डा फतेहसिंह, डाॅ आर एन चैधरी, राधेश्याम त्रिपाटी, ऋषिकेश डाणी, सुरजमल आॅंचलिया, डा केदारमल गुप्ता, मदनलाल सुराणा, कान्ताप्रसाद शर्मा, आनन्दस्वरूप खुसरिया, अमीचन्द जैन, के. के. शर्मा, बद्रीनारायण खण्डेलवाल, हरीशचन्द्र गुप्ता, नवरतनमल कोठारी, फतेहचन्द गुप्ता, रामकिशोर भार्गव, तेजमल मंगल, हरिशचन्द्र शर्मा, रामप्रसाद दूसाद, कन्हैयालाल शर्मा, केदारमल शर्मा, प्रहलादराय शर्मा, सतपाल पाण्डे, राधेश्याम डाणी, ब्रजमोहन बंसल सुशीलकुमार शर्मा, विष्णुदत्त शर्मा, खेमचन्द मेहता, खाजुलाल भण्डारी, मिटठेनलाल जोशी, माॅंगीलाल बूब, बद्रीप्रसाद लाहोटी, टीकमचन्दजी लोढ़ा, मोहनलालजी बाड़मेरा, सतप्रकाश आर्य, माणकचन्द सिंघल, विनोदबिहारीलाल भटनागर, प्रकाशचन्द सिंघल, मन्नालालजी जिन्दल, मोहललालजी गोयल, ब्रजमोहनजी शास्त्री, दयाशंकरजी शास्त्री, दीनदयालजी वशिष्ट, शम्भूदयाल गुप्ता, द्वारका प्रसाद शर्मा, लक्ष्मीनारायण शर्मा, आतमचन्द चैपडा, आई एम खिंचा, अचलेश्वरजी त्रिपाटी, सुरेन्द्र दुबे, मोहनलाल शर्मा, आनन्दीलाल माहावर, शंकर बुलन्द, हीरालाल जनागल, जय नारायण हेड़ा, मोतीलाल गुप्ता, किर्तीस्वरूप रावत, जगदीश प्रसाद टेर्लर, जगदीश प्रसाद मित्तल, ब्रज मोहन रायपुरिया, किशनगोपाल रायपुरिया, रामचन्द्र गुप्ता, मुकुटबिहारी गोयल, माॅंगीलाल शर्मा, डा मिथलेश, हेमन्त दीक्षित, मुरारीलाल शर्मा, प्रेमराज आर्य, नृसिंह भारती, गणपतसिंह रावत, धर्मपाल पाण्डे, वी एल अग्रवाल, रामस्वरूप मालू, लालचन्द सिंघी, गोपालकृष्ण मंगल, गंगाराम योद्या, श्याम अंगारा, ओमप्रकाश व राजेन्द्र बाडमेरा।

कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र
एन आई आई टी
एस एस आई
एप्टेक कम्पयूटर्स
एरीना मल्टीमिडिया
पेन्टागन कम्प्यूटर्स
स्त्रंस्‍क़ति कम्प्यूटर्स

ब्‍यावर कॉलेज

व़ैषणवी कॉलेज

 

गीता कोचिंग सेन्‍टर

व़ासुदेव मंगल

गणपति प्‍लाजा भगत चौराह ब्‍यावर

मो 9983724100


Copyright 2002 beawarhistory.com All Rights Reserved