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1 नवम्बर 2017 को हुए इकसठ वर्ष

अ - सम्पूर्ण राजस्थान  को

ब - अजमेर जिले को

स - ब्यावर उपखण्ड को

अब बासठवें वर्ष में प्रवेश

 

आलेख: वासुदेव मंगल

1 नवम्बर सन् 1856 में आज ही के दिन वृहद राजस्थान का सातवाँ और अन्तिम चरण पूरा होकर अजमेर और मेरवाड़ा राज्य को राजस्थान प्रदेश में मिलाकर सम्पूर्ण राजस्थान का दर्जा दिया गया। अतः आज राजस्थान प्रदेश 61 साल का हो गया। वर्तमान में राजस्थान प्रदेश भारत देश का क्षेत्रफल में 29 राज्यों में सबसे बड़ा राज्य है।

1 नवम्बर 1956 को राजप्रमुख का पद समाप्त कर राज्यपाल (गवर्नर) का पद राजस्थान में सृजित किया गया। राज्यपाल के पद पर पहली नियुक्ति श्री गुरूमुख निहालसिंहजी की की गई थी।

प्राकृतिक दृष्टि से राजस्थान प्रदेश जो रातजपूताना कहलाता था का धरातल पहाड़ी, पठारी और रेगिस्तानी हैं यहाँ के गाँवों और शहरों का जीवन कठोर हैं।

राजस्थान प्रदेश में मेरवाडा़ और अजमेर स्टेट को छोड़कर सब देशी तेईस रियासतों में भारतवर्ष की स्वतन्त्रता15 अगस्त 1947 तक सामन्त शाही शासन रहा।

मात्र एक अंग्रेजी रियासत जो सन् 1842 से संयुक्त अजमेर मेरवाड़ह स्टेट के नाम से 31 अक्टूबर 1956 तक चली आ रही थी को आज ही के दिन 1 नवम्बर 1956 को राजस्थान में अजमेर राज्य को अजमेर, जिले के नाम से और मेरवाड़ा स्टेट को ब्यावर उपखण्ड के नाम से मिलाया गया था।

आज ही के दिन यह अजमेर और मेरवाडे़ का राजस्थान में विलय गलत तरीके से किया गया। जबकि -'अजमेर' को राजस्थान की राजधानीऔर 'मेरवाड़ा स्टेट' को राजस्थान प्रदेश का ब्यावर जिला बनाया जाना था।

तब से लेकर आज दिन इकसठ वर्ष तक अजमेर और मेरवाड़ा अर्थात् ब्यावर क्षेत्र की जनता राजनैतिक पराभव का डंक भुगत रही है।

दुनियां भर में हमारे हुक्मरानों द्वारा किया गया विकास का ऐसा उदाहरण अजमेर मेरवाड़ा के सिवाय और कहीं देखने को नहीं मिला हैं कितनी ज्यादा तरक्की की है हमारे रहनुमाओं ने पिछले इकसठ सालोें में। अजमेर और मेरवाड़ा स्टेट की आज के दिन 1 नवम्बर 1956 से लेकर 1 नवम्बर 2017 तक इसका चिन्तन ब्यावर मेरवाडा और अजमेर क्षेत्र की जनता को करना चाहिये और विकास के ग्राफ का स्केच राजस्थान सरकार के सामने पेश करना चाहिये राजस्थान के अन्य सभी छोटे-बडे जिलों के विकास के आंकड़ों के साथ।

आज ब्यावर उपखण्ड को इसकठ वर्ष पूरे हो गए। आज ब्यावर उपखण्ड बासठवें वर्ष में प्रेवश कर रहा है। इस क्षेत्र का राजस्थान प्रदेश की चैदह सरकारों ने इस कद्र राजनैतिकआर्थिकसामाजिकव्यापारिकऔद्योगिक पतन किया है- कि बफर मेरवाड़ा स्टेट से ब्यावर उपखण्ड - ब्यावर उपखण्ड का भी खण्ड और उसका भी खण्ड करके रख दिया। अब बचा मात्र तहसील बनानाऐसी तरक्की तो दुनियां के किसी भी कोने में कहीं भी नही हुई होगी जैसी तरक्की हमारे वोटों से शासित पिछली चैदह सरकारों ने ब्यावर क्षे़त्र की की है।

आज बासठवें वर्ष में पे्रवेश करने पर राजस्थान प्रदेश की वर्तमान वसुन्धरा सरकार से आने वाले बजट सत्र में ब्यावर को जिला बनाये जाने की घोषणा करने की ब्यावर क्षेत्र की जनता पुरजोर मांग करती है। जो जायज ही नहीं अपित आवश्यक भी है और समय की पुकार भी हैं ऐसा करने से सरकार को कई फायेदे हांगे। सबसे बड़ा फायदा तो सरकारी राजस्व का होगा। अभी यह ईलाका अंगे्रजी हुकुमत का होने के कारण यहां की जल, जंगल और जमीन फ्री होल्ड रहा हैं।

ब्यावर को जिला घोषित करने पर सरकार को इसका सीधा-सीधा राजस्व का फायदा बहुत बड़ा होगा और इस का विकास भी द्रुतगति से हो सकेगा जिसका फायदा इस क्षेत्र के किसान, व्यापारी और मजदूर को हो सकेगा।

आज ही के दिन इकसठ वर्ष पहिले अजमेर को राजस्थान प्रदेश का छब्बीसवाँ जिला घोषित कर कलक्टर का पद सृजित कर प्रथम कलक्टर की नियुक्ति की गई थी। अजमेर के इकसठ वर्षाें की भी यहीं कहानी रही है जैसे ब्यावर की हैं। अजमेर में भी धार्मिक नगरी के सिवाय इकसठ वर्ष में कोई तरक्की नहीं हुई।

रेल्वे के कारखानें तो 1926 में गाजियाबाद की डिवीजन को अजमेर स्थान्तरित करने पर 1926 में ही लग गए है। भारत की स्वतन्त्रता के बाद हमारी चुनी गई सरकारों द्वारा अजमेर की कोई तरक्की नहीं की गई अब तक।

आज राजस्थान प्रदेश बासठवें वर्ष में पे्रवेश कर रहा हैं क्षेत्रफल में भारतदेश का आज सबसे बड़ा राज्य (प्रदेश) हैं इन इकसठ वर्षों में राजस्थान ने क्या तरक्की की, इसका मूल्यांकन भी हमारे प्रदेश की जनता को करना चाहिये कि हमारे प्रदेश ने अन्य राज्यों की तुलना में कितनी तरक्की की है। और नहीं की तो इस बात की प्रदेश की जनता को चिन्तन कर इसके मन्थन के परिणाम को राज्य और केन्द्र सरकार के सामने हमारे द्वारा चुंन्निदो विधायकों, सांसद सदस्यों, जिला प्रमुखों, सरपंचों, पन्चों, सदस्यों, पार्षदों को रखना चाहिये ताकि तदनुसार योजना  बनाकर क्रियान्वित की जा सके।

आज के समय में समय-समय पर योजनाओं के क्रियान्वयन के काम की समीक्षा जनता द्वारा जरूर होनी चाहिये ताकि मात्र कागजी कार्यवाही ने होकर जनता के धरातल पर काम हो सके और विकास की कमियों को दूर किया जा सके।

क्षेत्रफल में सबसे बड़ा राज्य होने पर भी रजास्थान प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में विकास नहीं कर पा रहा हैं इसके कारण खोजे जाने चाहिये। इन कमियों को दूर करने के प्रयास किये जाने चाहिये।

ब्यावर क्षेत्र को एकीकृत कर अगर पुनः मरेवाडा राज्य अलग से बनाने की जरूरत समझें तो अलग से पुनः मेरवाड स्टेट बनाया जाना चाहिये ताकि अतीत के विकास की व्यापार और उद्योग की पुनरावृति द्रुत गति से होे सके क्योंकि यह क्षेत्र प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर है।

 

आलेख: ब्यावर शहर के इतिहासविद् वासुदेव मंगल

ब्यावर (राज.) अजमेर

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