नये साल 2025 में ब्यावर सिटी के विस्तार का
रोड़मेप
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लेख - वासुदेव मंगल (फ्रिलान्सर) ब्यावर
सबसे पहले तो ब्यावरवासियों को लेखक की नये साल की ढ़ेर सारी शुभकामाएँ। नये
साल में आपके जीवन मे नई उमंग का संचार हो।
आपको जानकर खुशी होगी कि ब्यावर सिटी अपने शैशवकाल से यौवन मे आ रहा है। नये
साल मे ब्यावर शहर की सीमा का विस्तार करीब आठ दस मील की परिधि मे किया
जाकर इसको सिटी का स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। बड़ी खुशी की बात है
प्रत्येक कस्बे (टाऊन) का समय के अनुसार विकास होना भी चाहिये।
आप देखिये, ब्यावर स्थापना से बीहड़ होने के कारण चार दीवारी बनाकर सुरक्षित
रखा गया तब इसकी पहचान चार दीवारी के अन्दर तक ही थी एक सो नब्बे वर्ष पहले
तक।
अब ब्यावर के भाग्य ने पलटा खाया है। अब यह जयपुर शहर की तर्ज पर सिटी बन
रहा है। अब इसका फैलाव लगभग आठ-दस मील की परिधि में हो रहा है। होना भी
चाहिये क्योंकि अब ब्यावर जिले का मुख्यालय है वो भी राजस्थान जैसे सामन्त
शाही राज्य का। यह राज्य वर्तमान में क्षेत्रफल में भारत देश का सबसे बड़ा
स्टेट है जिसमे ब्यावर इसका मध्यवर्ती जिला है जिसको हम राजस्थान राज्य की
हृदयस्थली भी कह सकते है। यहां से राजस्थान राज्य की चारों दिशाओं की सीमा
समान दूरी पर स्थित है। इसलिए इसका महत्व अधिक है।
स्थापना से ब्यावर वूल कॉटन का मर्कन्टाईल ट्रेड सेन्टर होने के साथ साथ
मेरवाड़ा (मारवाड़-मेवाड़-मगरा) का बफर स्टेट का हेड क्वार्टर तत्कालिन
राजपूताना प्रान्त भारत देश का सन् 1835 से लगातार 121 (एक सो इक्कीस) साल
1956 तक ट्रेड का उन्नयन केन्द्र रहा है।
पिछले 68 सालों से इसके उन्नन्यन को रोक दिया गया इसके राजनैतिक कद को अवनत
कर 1956 मे राजस्थान प्रदेश के अजमेर जिले का 1 नवम्बर में उपखण्ड बनाकर रख
दिया गया अब सन् 2023 मे राजस्थान प्रदेश की सरकार ने ब्यावर को जिले में
क्रमोन्नत किया है अब इसके विकास की एक बार पुनः संभावना बनी है।
इसी क्रम मे ब्यावर शहर के विस्तार की गुंजाईश बनी है। अतएव शहर से सठे हुए
तीस गाँवों की सीमा तक ब्यावर शहर हो जाएगा। तीस गाँवों को शहर की सीमा मे
मिलाने से ब्यावर शहर के कार्यालयों के साथ साथ लगभग हजार-बारह सो कॉलोनियाँ
भी शहर की विकसित होगी जिससे इसके स्वरूप का विकास होगा। अच्छी बात है। इसके
विकास का क्रम तो अनवरत रहता अगर अगर इसको 1956 मे क्रमावतन नहीं किया जाता।
अब तक तो यह भारत देश का सर्वोत्तम विकसित जिला होता ब्यावर।
अब भी सरकार ने ब्यावर का महत्व समझा है तो बड़े फक्र की बात है। अब भी
ब्यावर अपने सभी आयामों मे त्वरित विकास कर सकेगा बशर्ते यदि राज्य और
केन्द्र की सरकार इसके विकास की गति को बराबर निरन्तर दिलचस्पी के साथ जारी
रखेगी तब नहीं तो मुश्किल है।
ऐसा करने पर ब्यावर जिला चहुँमुखी विकास कर सकेगा। यहाँ पर जनशक्ति खनिज
सम्पदा, वन सम्पदा, स्किल्ड लेबर, तकनीकी ज्ञान, पूँजी बाजार, वस्तु बाजार,
ऊर्जाशक्ति की कमी नहीं है। ट्रान्सपोर्टेशन, गोदाम आदि सभी प्रकार की
सुविधाएँ उपलब्ध है। आवश्यकता है मात्र राज्य केन्द्र सरकार द्वारा दिलचस्पी
लेकर इनिशियेटिव ओब्जेक्ट की। फिर देखियेगा ब्यावर को एक मोडल (आदर्श) जिले
के रूप में।
अब शहर की सीमी डुँगर खेड़ा के उत्तरी सीमा से आरम्भ होकर उससे ब्यावर गाँव
खास की सरहद से होते हुए सरमालिया गांव की उत्तरी-पूर्वी सरहद से पूर्व मे
चलते हुए देलवाड़ा गाँव की सरहद, शेषपुरा गाँव की पूर्वी सरहद होते हुए बलाड़
गांव की पुर्वी-दक्षिणी सरहद तक दक्षिणी सरहद से चलते हुए गांव कुशालपुरा,
मालीपुरा, नून्द्री मालदेव, केसरपूरा, परसा, शिवनाथपुरा होते हुए जालिया
प्रथम की दक्षिणी पश्चिमी सीमा तक। फिर पश्चिम दिशा मे जालिया प्रथम गांव
की दक्षिणी-पश्चिमी सीमा से चलकर ग्राम बाड़िया जग्गा ग्राम ठीकराना
मेन्द्रातान, ग्राम सिरोला, रतनपुरा सरदारा होते हुए डूंगर खेडा गांव मे
रास- बाबरा गांव को जाने वाली सड़क की दक्षिणी सीमा तक।
इस प्रकार ऊपर वर्णित सभी गाँवों की सीमा ब्यावर सिटी की रिंग-रोड बन जाएगी।
अब ब्यावर सिटी का फैलाव चारों दिशाओं में यहाँ तक हो जाएगा जहां पर सिटी
ट्रान्सपोर्ट की सुविधा आवश्यक होगी। सभी प्रकार के कार्यालय होंगे।
अब आप देखिये एक सो पचास साल बाद ब्यावर रेल्वे स्टेशन का आधुनिकीकरण हो रहा
है जहां पर दो मन्जिल की ईमारत के साथ-साथ दो प्लेटफॉर्म होंगें जहां पर सभी
यात्री ट्रेनों को ठहराव होगा। इसी प्रकार रोडवेज का बस स्टेशन भी दो
मन्जिल का आधुनिक सुविधाओं के साथ सुसज्जित ईमारत का होगा।
इसी प्रकार ब्यावर का अमृतकौर हॉस्पिटल भी ब्यावर शहर व जिले की आवश्यकता
के अनुसार होगा जहाँ मेडीकल कालेज की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी निकट
भविष्य में, इसी प्रकार चाँदमल मोदी औषधालय का विकास होगा।
न्याय के क्षेत्र मे भी इसी प्रकार जिला-न्यायालय प्रांगण का पूरा विंग होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में भी तकनिकी शिक्षा का आई टी आई विंग होगा। बेसिक
शिक्षा में भी सभी प्रकार के महाविद्यालयों के साथ साथ केन्द्रिय विद्यालय
पब्लिक व प्राईवेट दोनो क्षेत्रों में महिला महाविद्यालय के साथ होंगे। ला
की पढ़ाई की सुविधा भी होगी।
व्यापार उद्योग का केन्द्र तो विशेषकर होगा। रोजगार की प्रचुर उपलब्धता होगी
स्थानीय शासन मे भी नगर परिषद से कोरपोरेशन होने की भी सम्भावना है जहाँ
बारह सो कालोनियों के साथ-साथ पानी, बिजली, सफाई की व्यवस्था के साथ-साथ
रोशनी, नाली, सड़क की व्यवस्था होगी, सत्तर वार्ड होंगे।
ब्यावर जिले का भविष्य उज्जवल है। यहाँ पर नये उद्योग में सिरेमिक टाईल्स
उद्योग, ग्रेनाईट स्टोन उद्योग की प्रबल सम्भावना है। सिमेन्ट मंे उद्योग
का तो ब्यावर पहले से ही हब है। ऐसी सुरत में ब्यावर नगर की जनसंख्या में
पर्याप्त ईजाफा होगा। मुद्रा का परिचक्र तेजी से घूमेगा। ब्यावर मध्य में
स्थित होने के कारण चारों तरफ के लोगों की आवाजाही भी बनी रहेगी। आसपास मे
चारों ओर पर्यटन स्थल होने से भी इस शहर मे हमेशा पर्यटकों की चहल-पहल बनी
रहेगी। साथ ही आस पास के मगरा में सैनिकों के निवास होने से भी उनके आवागमन
का मार्ग ब्यावर शहर ही होगा।
इन सब बातों से ब्यावर का महत्व बहुत अधिक होगा।
02-01-2025
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इतिहासविज्ञ एवं लेखक : वासुदेव मंगल
CAIIB (1975) - Retd. Banker
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