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ब्यावर जिले की वर्तमान में जिला परिषद कैसी
होगी?
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सम सामयिक लेख: वासुदेव मंगल, ब्यावर
ब्यावर को राजसमन्द, भीलवाड़ा, पाली, अजमेर की ग्राम पंचायतों को शामिल करके
पूरा जिला गठित किया गया है। जवाजा सहित, मसूदा, भीम, रायपुर, जैतारण,
बदनौर का पंचायत क्षेत्र शामिल हो गए है। अतः अब इन ग्राम पंचायतों का जिला
परिषद अब ब्यावर है।
ब्यावर जिले का क्षेत्रफल अब 52 लाख 48 हजार 611 हेक्टेयर का हो गया है। इस
क्षेत्र मे शामिल गांव करीब 800 से ज्यादा हो गए हैं। जनसंख्या भी लगभग 10
लाख पार हो गई है। इन्हीं स्थिति के आकलन को ध्यान मे रखकर परिसीमन किया
जायेगा ब्यावर जिले मे अब आठ तहसील की 191 ग्राम पंचायतें है। अतः जिला
परिषद् का ब्यावर मे यह स्वरूप होगा।
इसी प्रकार ब्यावर नगर परिषद का भावी स्वरूप का आकार भी बढ़ जायेगा 60 वार्ड
की जगह लगभग 70 वार्ड हो जायेंगे।
ऐसी सूरत में ब्यावर जिला अपने आप मे पूर्ण रूप में होगा। अब देखना यह है
कि सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरू करदी है। पंचायतों के पुनर्गठन
का कार्य तेज हो गये है। हाल मंे जिले में पांच पंचायत समितियां है। इनमें
जवाजा मे 46, जैतारण में 38, मसूदा व रायपुर मंे 40-40 और बदनोर मे 17
ग्राम पंचायते है। व भीम पंचायत समिति की 7 ग्राम पंचायत भी ब्यावर जिले मे
आई है। सरकार अधिकतम 40 ग्राम पंचायतों तक से पंचायत समितियों का गठन करना
चाहती है। अतः ब्यावर जिले में पंचायत समिति लगभग सात या आठ हो सकती है। एक
ग्राम पंचायत समिति मे करीब 25 ग्राम पंचायत होगी। जहाँ तक ग्रामीण
जनप्रतिनिधियों की राय सुमारी से प्रतीत होता है उनका रुझान है कि एक
पंचायत समिति सेन्दड़ा हो सकती है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत शेरगढ़ के ग्राम
लाम्बा को लाम्बा पंचायत समिति दूसरी हो सकती है। बदनोर और भीम के ग्रामों
की ग्राम पंचायत राजियावास हो सकती है। चौथी मेडिया पंचायत समिति पांचवी
जवाजा पंचायत समिति, छठी मसूदा पंचायत समिति, सातवीं रायपुर और आठवी जैतारण।
लेखक का यह रफ आईडिया है कहीं-कहीं कम-बेसी जोड़-तोड़ से कोई-कोई ग्राम
पंचायत आस-पास की पंचायत समिति से हट या जुड़ सकती है। यह तो मात्र अनुमान
है जैसा कि क्षेत्र विशेष के ग्रामीण लोगों, की मांग के अनुसार आम राय
शुमारी बनाई जा रही है। यह तो अभी प्रारम्भिक मांग के अनुसार ऐसा रूझान बन
रहा है बिजयनगर भी है। रूपनगर के पास अरनाली गांव भी नई पंचायत समिती बन
सकती है।
चूंकि करीब ब्यावर जिला परिषद् में लगभग 200 ग्राम पंचायतें होगी। सात
उपखण्ड की आठ तहसील है और राजसमन्द जिले के भीम उपखण्ड की सात ग्राम पंचायतों
को ब्यावर जिले में रखा है। प्रत्येक ग्राम की प्रस्तावित होने वाली ग्राम
पंचायत से स्थानीय गांव विशेष की दूरी कितनी होती है यह सारा माजरा उसी पर
निर्भर होगा। बहुत जल्दी ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन,
पुनर्सीमांकन, नव सृजन के लिए जनप्रतिनिधियों ने अपने स्तर पर जतन (प्रयास)
शुरू कर दिए हैं।
जब तक प्रशासक काम करेंगें तब तक चुनाव नहीं हो जाते है। आप देखिये ब्यावर
जिले में ब्यावर, मसूदा, भीम, रायपुर जैतारण और आसीन्द विधान सभाओं का एरिया
कम या वेसी सभी विधान समाओं को एरिया कवर हो रहा है करीब करीब छः विधान सभा
क्षेत्र। ऐसी सूरत में ब्यावर एक नया संसदीय क्षेत्र भी हो सकता है भविष्य
में। क्योंकि ऐसी स्थिति में विधान सभाओं के क्षेत्र के साथ साथ संसदीय
क्षेत्र की जनसंख्या का अनुपात भी दस या बारह लाख का क्राइटेरिया भी फुलफील
हो रहा है वोटरर्स का।
सभी पुरानी पंचायत समितियों की ग्राम पंचायतों के ग्रामीण लोग अब पुर्नगठित
पुर्नसिंमाकीत व नव सृजित ग्राम पंचायतों के ग्रामीण लोग, अपने आस पास के
गांवों की ग्राम पंचायतों की, नई पंचायत समितियाँ बनायेंगें। उन नई पंचायत
समितियों के प्रधान मिलकर, ब्यावर जिला परिषद के जिला प्रमुख का चुनाव
करेंगे जो ब्यावर की जिला परिषद् एक सशक्त जिला परिषद् इस प्रकार होगी
ब्यावर जिले में।
तो उम्मीद तो ब्यावर जिले की नई परिषद् के साथ साथ एक नया संसदीय क्षेत्र
भी ब्यावर का क्रियेट होता दिखलाई दे रहा है। बड़ी खुशी की बात है। ब्यावर
की जनता के भाग्य जोर मार रहे है। आप सबको लेखक का आदाब। आप चुस्त रहे
स्वस्थ्य रहे। आप लोगों का बहुत बहुत आभार।
25.01.2025
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इतिहासविज्ञ एवं लेखक : वासुदेव मंगल
CAIIB (1975) - Retd. Banker
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