‘ब्यावर’ इतिहास के झरोखे से....... 
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✍वासुदेव मंगल की कलम से.......  

छायाकार - प्रवीण मंगल (फोटो जर्नलिस्‍ट)
मंगल फोटो स्टुडियो, ब्यावर
Email - praveenmangal2012@gmail.com


21 वीं सदी का ब्यावर
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सामयिक लेखः वासुदेव मंगल
ब्यावर नगर परिषद को विस्तारीकरण करते हुए दायरा नो किलोमीटर की परिधि में बढ़ा दिया गया है, जिसमें चवदाह ग्राम पंचायते मिलाते हुए तीस गांवों को शामिल किया गया है। इसका सीधा असर यह होगा कि अडतीस हजार सात सो बारह जनसंख्या जुड़कर शहर की आबादी एक लाख निब्बे हजार हो जाएगी। इस पुनर्गठन से शहर के वार्डाे की संख्या भी सत्तर हो जायेगी। इससे परिषद् की क्रमोन्नत होने की आस जगी है।
पिछले अंकों में लेखक ने ब्यावर की गुन्नीसवीं व बीसवी सदी की सूरते हाल बताई थी अब इकीसवीं सदी का पहला चतुर्थांस समाप्त हो रहा है। ब्यावर को बसे हुए एक फरवरी को एक सो नब्बे साल होंगें अब जाकर इस शहर का फैलाव नो किलोमीटर के चारों ओर के दायरे में हो रहा है। समय के साथ विकास होना भी चाहिए। बड़ी खुशी की बात है।
अतीत में बसावट से ब्यावर का विकास एक सो इक्कीस साल तक मेरवाड़ा बफर स्टेट और बाद मे अजमेर राज्य के जिले के रूप मे सन् उन्नीसौ छप्पन की इकतीस ओक्टोबर तक रहा वह ब्यावर के व्यापार और उद्योगों का स्वर्णिम काल था। उस समय सम्पूर्ण भारत देश मे राजपूताना प्रान्त के ब्यावर शहर के साथ मात्र सिन्ध प्रान्त का मीरपुर खास शहर और पंजाब प्रान्त का फाजिल्का शहर तत्कालिन व्यापार और उद्योग मे समकक्ष शहर थे।
चूँकि एक अंग्रेज सैन्य अधिकारी कर्नल चार्ल्स जार्ज डिक्सन ने इस बीहड़ कंक्रीट भरे जंगल मे अपनी शिल्प कला से एक सुन्दर बेजोड़ शिल्प निर्मित शहर बसाया था जो काबिले तारीफ रहा अक्षुणन एक सो इक्कीस साल तक।
पर बडे उनमने मन से लेखक को यह लिखना पड़ रहा है कि स्वतन्त्रता के बाद हमारे अपने रहनुमाओं ने, कर्णधारों ने, अपने स्वार्थ के वशीभूत, एक नवम्बर उन्नीसो छप्पन मे, ब्यावर के जिले का स्वरूप नष्ट करके अवनत कर सब डिविजन के दर्जे मे ला पटका सत्तर साल पहले तब से यह शहर अपने तकदीर पर आँसू बहा रहा है।
लिखने का तात्पर्य यह है कि एक सो निब्बे साल की आयु वालेे ब्यावर शहर के एक सो इक्कीस साल तो विश्व व्यापी व्यापार और उद्योग का कॉल रहा। बाद मे हमारी राज्य सरकार के नुमाइन्दों ने इसे समूल नष्ट कर दम लिया। इस शहर की अतीत के व्यापार उद्योग की विरासत को धुली घसरित कर दिया। क्या मिला ऐसा करने से हमारे कर्णधारों को यह तो वे ही जाने। लेकिन ब्यावर शहर की वर्तमान जेनेरेशन तो उनको माफ नहीं करेंगी। पिछले सत्तर सालो से ब्यावर को पंगू बनाकर रख दिया। घर का छोड़ा न घाट का।
अब जाकर एक बार फिर से आशा कि किरण प्रस्फुटित हुई है ब्यावर को जिला अब जाकर बनाये जाने से। लेखक को यकीन है कि ब्यावर जिला एक बार फिर से अतीत की तरह अपना गौरव हासिल किया हुआ व्यापार और उद्योग का गौरव पुनः प्राप्त कर फिर से विश्व क्षितिज पर भारत देश के सर्वाेत्तम जिले के रूप मे रोशन होगा।
इसके लिये राज्य और केन्द्र सरकार से लेखक की गुजारिश है कि इस भागीरथ कार्य में दोनों सरकार अपना भरपूर सहयोग करे। ब्यावर जिले मे प्राकृतिक सन् साधन की कमी नहीं है। कमी है तो सरकार द्वारा दिलचस्पी लेकर प्लान को कार्यान्वित करने की। फिर आप देखियेगा ब्यावर की तरक्की।
ब्यावर की कृषि, व्यापार, उद्योग, खनन, परिवहन, राजस्व, शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक उत्थान, संस्कृति, मेल,े उत्सव आदि आदि सभी क्षेत्रों मे ब्यावर त्वरित प्रगति करेगा। ब्यावर के निवासियों में मेघा शक्ति, ऊर्जा शक्ति भरपूर है। श्रम करने का जोश है। आवश्यकता है इस जिले का सर्वांगीण विकास हो।
चूंकि नो मील के रेडियस की दूरी के लिये सिटी ट्रांसपोर्ट की सबसे पहीली प्राथमिकता है जिसे ट्रान्सपोर्ट ऑथोरिटी को शीघ्र क्रियान्वित फुलफिल की जानी चाहिए। चूँकि आस पास के सब गांवों की मण्डी ब्यावर सिटी है इसलिए सरकार के तगड़े राजस्व का यह एक महत्वपूर्ण जरिया होगा।
1. आप देखिये ग्राम पंचायत मेडिया के राजस्व गांव मेडिया, शंभूपुरा, रामपुरा, मेवातियान, मकरेड़ा का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
2. ग्राम पंचायत ब्यावर खास का राजस्व ग्राम ब्यावर खास का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
3. ग्राम पंचायत सरमालिया का राजस्व ग्राम सरमालिया का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
4. ग्राम पंचायत देलवाड़ा के राजस्व ग्राम देलवाड़ा, दौलतपुरा-बलाईयान, सेसपुरा का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
5. ग्राम पंचायत बलाड़ के राजस्व ग्राम बलाड़, गढ़ी थोरियान, कुशालपुरा का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
6. ग्राम पंचायत मालपुरा (कालियावास) के राजस्व ग्राम मालपुरा (कालियावास) का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
7. ग्राम पंचायत नून्द्री मालदेव के राजस्व ग्राम नून्द्री मालदेव का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
8. ग्राम पंचायत गणेशपुरा के राजस्व ग्राम गणेशपुरा, शिवनाथपुरा का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
9. ग्राम पंचायत गोविन्दपुरा के राजस्व ग्राम गोविन्दपुरा का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
10. ग्राम पंचायत, ठीकराना महेन्द्रातान के राजस्व ग्राम ठीकराना महेन्द्रातान, बाड़िया श्यामा रामसर बलाईयान का सीमा क्षेत्र ।
11. ग्राम पंचायत जालिया प्रथम के राजस्व ग्राम जालिया प्रथम, बाड़िया जग्गा का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
12. ग्राम पंचायत नुद्रीमेन्द्रातान के राजस्व ग्राम नुन्द्री मेन्द्रातान, सिरोला का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र
13. ग्राम पंचायत फतेहगढ़ सल्ला का राजस्व ग्राम रतनपुरा सरदारा, डूंगरखेड़ा का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
14. ग्राम पंचायत नरबदरखेड़ा के राजस्व ग्राम केसरपुरा (परसा) एवं भोजपुरा का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र।
दिनांक 18 जनवरी 2025 को राज्य सरकार की ओर से परिषद् सीमा के पुर्नगठन की अधिसूचना जारी की गई।
शहरी सीमा में करीब 19769 पुरुष, 18 हजार 943 महिलाएँ, 6 हजार 500 अनुसूचित जाति, 119 जनजाति एवं 32 हजार 93 सामान्य वर्ग के लोग शामिल होंगें।
आप देखिये यह कार्य साढे़ चार दशक बाद ब्यावर में किया जा रहा है जो कार्य 46 वर्ष पहले कर दिया जाना चाहिए था।
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इतिहासविज्ञ एवं लेखक : वासुदेव मंगल
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ब्यावर के गौरवमयी अतीत के पुर्नस्थापन हेतु कृत-संकल्प

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