‘ब्यावर’ इतिहास के झरोखे से.......
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✍वासुदेव मंगल की कलम से.......

छायाकार - प्रवीण मंगल (फोटो जर्नलिस्‍ट)
मंगल फोटो स्टुडियो, ब्यावर
Email - praveenmangal2012@gmail.com


ब्यावर जिले का भविष्य उज्जवल व चमकता सितारा
जनरल आर्टिकल - वासुदेव मंगल, ब्यावर
यह बात तो सही है कि सरकार ने ब्यावर को जिला बनाने में 66 साल लगा दिये। यदि अजमेर के साथ ब्यावर को भी सन् 1956 में जिला बना दिया गया होता तो ब्यावर राजस्थान प्रदेश में ही नहीं अपित् भारत देश का एक विकसित जिला होता। कारण स्पष्ट है कि भूगर्भिय वन, पर्वतीय सम्पदा इस जिले में प्रचुर मात्रा में दबी पड़ी है जिसका वैज्ञानिक दोहन किया जाना है। सरकार ने राजनैतिक सियासत के कारण ब्यावर के विकास की अहमियत नहीं समझी। इसी का परिणाम है ब्यावर के पिछड़ेपन का।
अब भी देर से ही सही राजस्थान प्रदेश की सरकार ने ब्यावर की अहमियत समझी है।
ब्यावर प्रत्येक स्तर पर स्थापना से ही अंग्रेजी काल से ही शीर्ष स्तर पर रहा है। अंग्रेज सैन्य अधिकारी ने इस इलाके की अहमियत समझकर सन् 1835 ईसवी में ही इस प्रदेश को मेरवाड़ा बफर स्टेट की श्रेणी में ला खड़ा किया लेकिन हमारे नगमा निगारों ने हमारे रहनुमाओं ने संकुचित विचारधारा के कारण एक सो बारह साल के विकसित प्रदेश को स्वतन्त्रता प्राप्ति से छियत्तर वर्ष पश्चात् अर्थात् इस प्रदेश के रसातल में जाने के बाद इस प्रदेश की अहमियत समझी मात्र एक अंग्रेज सैन्य शासक द्वारा इस प्रदेश बसाये जाने के कारण। एक परदेशी ने इस ईलाके का महत्व समझकर इसे सोने की खान बनाई परन्तु हमारे अपने हुक्मरानों द्वारा इसे नफरत में बर्बाद कर खण्डहर प्रदेश बना डाला।
कितना अन्तर है समझ के फेर का आज के 186 साल पहले उस फरिश्ते कर्नल चार्ल्स जार्ज डिक्सन जिसने सन् 1821 की इस ईलाके की जंगे लड़ाई लड़ी थी पुनः सन् 1835 मे इसी फौजी छावनी के सरवराह बनकर आने पर उनका हृदय परिवर्तन हो गया था यहाँ के इस ईलाके के ट्राईवाल मासूमियत को देखकर उनका पत्थर दिल द्रवित हो गया और उन्होंने तुरन्त राजपूताना गजेटियर मे नोटीफिकेशन जारी कर फौजी छावनी को नागरिक बस्ती (कालोनी) में ला खड़ा किया हमारे पूर्वजों को इस श्यामला धरती बसाकर। तो हे ना फरिश्ता जिसने पूरे भारत में एक मिसाल कायम की मानवता की उस काल मे एक विकसित प्रदेश बनाने की जब भारत विकासशील की श्रेणी में भी नहीं था। राजपूताना ही नही बल्कि सम्पूर्ण भारत 186 साल पहले व्यापार में शैशवकाल में भी नहीं था उस समय ब्यावर शहर रोजगार उपलब्ध कराने में प्रथम पायदान पर था। रोजगार सुलभ कराने में ब्यावर अव्वल नम्बर पर था। मीरपुर खास, फाजिल्का और ब्यावर (राजपूताना) में ऊन एवं रुई के व्यापार में सन् 1838 ईसवी मे हिन्दुस्तान की राष्ट्रीय मण्डी थीं। लोग दिसावर से कमाने आते थे इस सेठाणा ब्यावर शहर में उस समय।
स्वतन्त्रता के बाद हमारे अपने शासको ने ब्यावर के अतीत के व्यापार की ऊर्जा को भूलाकर विकास के उलट नीति निर्धारण कर सम्पूर्ण विकसित ताने-बाने को छिन्न भिन्न कर ब्यावर से बुलियन ट्रेड प्रायः समाप्त कर दिया। ऊन के व्यापार को, रुई के कपास व्यापार और अनाज के ट्रेड को ब्यावर से हटाकर क्रमशः बीकानेर, केकड़ी, बिजयनगर गुलाबपुरा व कालू आनन्दपुर, जैतारण आदि शहरो मे स्थानान्तरित कर दिया।
उन्नीसवीं सदी के अन्त में क्लोथ उद्योग में कपड़े की मिलों के कारण ब्यावर राजपूताने को मेनचेस्टर कहलाता था बाजार में सुर्याेदय होते ही व्यापार की चहल-पहल रोनक शुरू होकर सूर्यास्त तक कायम रहती थी। यह रुतबा था ब्यावर सेठाणा शहर का उस जमाने में।
भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति से राम राज्य की उम्मीद लगाये रक्खी थी की जनता ने। परन्तु ब्यावर की प्रजा को इन छियेतर सालों में निराशा ही हाथ लगी। ब्यावर के विकसित व्यापार और उद्योग के कमर की रीढ़ की हड्डी टूट चुकी थी।
अब 7 अगस्त सन् 2023 में ब्यावर के भाग्य का नया सवेरा हुआ। हमारे तत्कालिन राजस्थान के मुख्य मन्त्रीजी इस प्रदेश की अतीत की धाती समझकर ब्यावर को जिले के दर्जे में क्रमोन्नत करने का आदेश पारितकर इस प्रदेश की खोई हुई प्रतिष्ठा को एक बार पुनः स्थापित की है। इस कार्य के लिये मुख्यमंत्री जी जनता जनार्दन की तरफ से बधाई के पात्र है। अब वर्तमान मुख्य मन्त्रीजी से ब्यावर की जनता को चतुर्दिक दिशाओं में त्वरित गति से ब्यावर प्रदेश जिले के विकास की उम्मीद बन्धी है। आपने ब्यावर जिले की अहमियत को भली भाँति पहचाना है। तदनुसार आपकी शासन पद्धति का लाभ ब्यावर जिले को भरपूर प्राप्त होगा इसी अपेक्षा के साथ आपका भरपूर अभिनन्दन।
श्रीमान् आपकी जानकारी हेतु ब्यावर जिला अर्थात् अतीत का मेरवाडा बफर स्टेट जो मारवाड़ और मेवाड़ की दो देशी धर्माेपोली रियासतों की संगम स्थली मेवाड़ा प्रदेश के रूप में कायम रही है। इस ऐतिहासिक संस्कृति को एक बार पुनः विकसित करने का अवसर मिला है जिसे विश्व क्षितिज पर पुनःस्थापित कर ब्यावर जिले को एक बार फिर से भारत के सर्वाेत्तम जिले के रूप में स्थापित करने का ब्यावर जिले के नागरिकों का भरसक प्रयास रहेगा। ब्यावर की प्रजा आपको ऐसा भरोसा दिलाती है।
26.09.2024
 
इतिहासविज्ञ एवं लेखक : वासुदेव मंगल
CAIIB (1975) - Retd. Banker

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