‘ब्यावर’ इतिहास के झरोखे से.......
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✍वासुदेव मंगल की कलम से.......

छायाकार - प्रवीण मंगल (फोटो जर्नलिस्‍ट)
मंगल फोटो स्टुडियो, ब्यावर
Email - praveenmangal2012@gmail.com

ब्यावर जिल में हर विभाग को क्रमोन्नत करने की जरूरत हैं
आलेखः वासुदेव मंगल
01 कृषि क्षेत्र: कृषि उपज मण्डी को ए ग्रेड में क्रमौन्नत किया जाकर कपास, ऊन, जीन्स के व्यापार के साथ साथ अनाज अगर हो सके तो बुलियन के व्यापार (ट्रेड) को पुनः ब्यावर मे प्रति स्थापित किया जावे। अब तो केन्द्रिय सरकार भी शेयर मार्केट को प्रोत्साहन दे रही है चूंकि ब्यावर अब जिला मुख्यालय बन गया है। राज्य का मध्य जिला प्राकृतिक सनसाधनों से युक्त जिला है। अतः इसके त्वरित विकास के लिये ट्रेड सेन्टर आवश्यक है जहां पर सभी प्रकार की विधाओं का सुलभ होना आवश्यक है। इसी परिपेक्ष में ब्यावर की कृषि मण्डी को ए क्लास में अतिशीघ्र क्रमौनत किया जावे। इसके लिए पहले से कृषि-प्रांगण उपयुक्त है।
02 सब्जी मण्डी: ब्यावर की सब्जी मार्केट की पोटेन्शियलिटी को देखते हुए इसकी पृष्टभूमि के आधार को ध्यान में रखते मण्डी को उपयुक्त स्थान पर शिफ्ट किया जाकर इसकी विस्तारित योजना का आधार बनाया जावे। कारण मारवाड़, मेवाड़ के साथ-साथ मेरवाड़ा मगरा क्षेत्र के आस पास (एरिया) भी यह सब्जी मण्डी इसे कवर करती है।
03 औद्योगिक पार्क:- अब चूंकि जिले के त्वरित विकास हेतु अतिरिक्त खनिज जिन्सो के कल कारखानों को स्थापित करना भी निहायत आवश्यक हो गया है। अतः जिप्सम आधारित सीमेण्ट मार्केट के साथ साथ अन्य खनिज सम्पदा पर आधारित मार्केट भी स्थापित किये जावे। जैसे फैल्स्पार, पाउडर पर आधारित सिरेमिक टाईल्स, कोकरी, सैनेट्री वेयर, यूटेन्सिल्स् आदि आदि। इसी प्रकार ग्रेनाईट स्टोन के उत्पादन व बिक्री के लिये व्यक्ति त्वरित यूनिट लगाये जावे। ग्रेनाईट का ग्रेट मार्केट डवलप हो सकता है ब्यावर में। आप देखिये यहां का यह रा मटीरियल फैल्सपार पाउडर व ग्रेनाईट स्टोन सारा का सारा कच्चा माल बाहर जा रहा है तो राज्य सरकार से लेखक का अनुरोध है कि क्यों नहीं ब्यावर में ही इण्डस्ट्रिज एस्टेबलिश कर मैन्यूफेक्चरिंग गुड्स प्रोड्यूश किया जाकर इनका मार्केट बने। अतः जिले के त्वरित विकास मे ऐसा करना सरकार को निहायत आवश्यक है। जिससे बड़ा पूंजी निवेश जिले मे आवेगा और जिले का सघन और सर्वागीण विकास सम्भव हो सकेगा। जिससे रोजगार के अतिरिक्त साधन सुलभ हो सकेंगें और ब्यावर एक विकसित जिला बन सकेगा। वाजिब जानकर एक जागरूक तजुर्बेकार सीनियर सिटीजन की गुजारिश पर गौर फरमाकर राज्य सरकार इस पर त्वरित कार्यवाही कर इसे रचनात्मक यथा शीघ्र स्वरूप प्रदान करेगी ऐसा लेखक को पूर्ण विश्वास है। अतः ऐसा करने के लिये श्रीमान मान्यवर मुख्यमन्त्री जी आपको अग्रिम धन्यवाद के साथ आपका खूब खूब अभिनन्दन।
04 सामाजिक विकास:- सामाजिक विकास में शिक्षा और चिकित्सा दोनों ही आते हैं अतः ब्यावर के अमृतकौर चिकित्सालय को पुनः ए श्रेणी का हस्पिटल बनाया जाकर यहाँ के पर मेडीकल कालेज खोला जाये क्योंकि इस सिटी की पृष्टभूमि में मगरा आस पास का मेवाड़ और मारवाड़ के क्षेत्र राजकीय चिकित्सा की सुविधा नहीं है। सन् 1954 से ही सत्तर साल से यह हास्पिटल ही सेवारत है जिसे पुनः ए ग्रेड में क्रमौन्नत कर सब प्रकार के ईलाज की सुविधा सुलभ कराई जाये।
05 मेडीकल कालेजः चूंकि अब ब्यावर सिटी को जिला बना दिया है। अतः यहाँ के आसपास मगरा, मेवाड़, मारवाड़ के क्षेत्र के मेडीकल के मेधावी विद्यार्थी, छात्र, छात्राओं युवाओं के लिए मेडीकल कालेज निहायत आवश्यक हो गया है। अतः मान्यवर मुख्य मन्त्रीजी से ब्यावर मे मेडीकल कॉलेज यथासम्भव खोला जावे। ऐसी आपसे अपेक्षा है।
06 इंजिनियरिंग कॉलेजः चूंकि ब्यावर जिले की पृष्टभूमि मारवाड़ मेवाड़ है जहाँ पर तकनीकी मेधावी विद्यार्थियों की बहुत अधिक संख्या है जिनकी तकनिकी आधारित इंजिनियरिगं की शिक्षा के लिये घर से दूर जाना पड़ता है जयपुर, जोधपुर या फिर अन्य स्थान पर अध्ययन के लिए। ऐसी सुरत में इस प्रकार की कमी दूर करने के लिए ब्यावर कालेज खोला जाये ताकि इस प्रकार की सुविधा यहाँ ब्यावर में उपलब्ध हो सके। वाजिब जानकार लिखा है अतः लिखे पर गौर फरमाया जावे। साथ ही ब्यावर राजकीय ला विषय की पढ़ाई शुरू की जावे क्योंकि अब ब्यावर जिला हेडक्वाटर है। जहां तक राजकीय गर्ल्स कालेज का सवाल है तो माननीय आपने स्वीकृति तो दे दी है लेकिन इस कालेज की बिल्डिंग अभी तक नहीं बनी है जिसे यथाशीघ्र अध्ययन हेतु पूर्ण करवाये जाना की कृपा करें। इसके लिये आपका धन्यवाद।
07 वेटरनरी हास्पिटल: माननीय मुख्यमंत्री जी ब्यावर की पृष्ठ भूमि स्थापना से ही चरागाह क्षेत्र रहा, जहां पर सन् 1899ई. में सेठ खींवराजजी राठी ने पशु चिकित्सालय की सुविधा जुटाई थी। इस बात को एक सो पच्चीस साल हो गए हैं। इस दरम्यान इसका दायरा और पशु संख्या कई पशु संख्या कई गुणा हो गई। ऐसी सूरत में वेटरनरी अस्पताल भी बड़े रूप मे होना चाहिए। कृपा कर इस मुद्दे पर भी गौर फरमाया जावे श्रीमान्। फिर देखिये ब्यावर जिले का विकास और इस जिले से प्राप्त राजस्व की प्राप्ति केन्द्र व राज्य दोनों सरकारों के लिए। आप स्वयं इस जिले की अल्पावधि में सघन और सर्वागीण विकास को देखकर आश्चर्य करेगें। एक बार अग्रिम आपको धन्यवार और लेखक के अभिनन्दन के साथ।
इस जिले का विस्तार और विकास भी इस सिटी की स्थापत्य कला के आधार पर हो क्योंकि यह जिला अतीत का मेरवाड़ा बफर स्टेट के ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्रिज का गौरव रहा है उसी अनुरूप हो े इसके लिए आप यहां पर ब्यावर विकास प्राधिकरण यदि यहां ब्यावर में स्थापित करवायेंगें तो आपकी बहुत बहुत महरबानी होगी। श्रीमान् आवश्यक समझ कर लिखा है जिससे ब्यावर मॉडल डिस्ट्रिक्ट बन सके।
उसी यहां पर मुद्रा बाजार की कमी नहीं है। ट्रान्सपोर्ट की वेयर हाऊस की कमी नहीं है। स्किल्ड लेबर व जनशक्ति की कमी नहीं है। पावर की कमी नहीं है। पानी की कमी नहीं है। कमी है तो इन सब को मूर्त रूप देने के लिए आपके आदेश की व दिलचस्पी लेकर मूर्त रूप देने की जिसे आपको ही पूरा करना है साथ में इसे पर्यटन स्थल को केन्द्र बनाये आने की कृपा भी करे।
 
इतिहासविज्ञ एवं लेखक : वासुदेव मंगल
CAIIB (1975) - Retd. Banker

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