ब्यावर
सिटी की वाड़ों की संख्या बढ़ाकर चुनाव कराया जाना
सामयिक लेख वासुदेव मंगल
चुंकी ब्यावर नगर (सिटी) के चुनाव निकट है। अब नगर की परिसीमन कर नई सीमा
निर्धारित की जाकर चुनाव कराये जाने की घोषणा होनी है। ऐसी सूरत में वार्डाे
की संख्या भी बढ़ाई जानी सुनिश्चित की जानी है। ऐसी स्थिति में मास्टर प्लान
में मिलाये गए गाँवों की नगरी सीमा विस्तार भी जरूरी है।
अतः नगर से लगते ब्यावर सिटी में सम्मिलित का नगरीय सीमा निर्धारण में
महत्वपूर्ण कारक है। उसे ध्यान में रखकर नगरी सीमा नये वार्डों को स्थापित
किया जाना जरूरी हो गया है। सभी का क्षेत्र नगरीय सीमा होगी। सरकार नगर
निकाय ने 27 नवम्बर तक सूचना मांगी है।
ब्यावर नगर में सरमालिया, सरगाव, नरसिंगपुरा, रतनपुरा, सिरोला मकरेड़ा,
पुराना ब्यावर, ब्यावर खास, नून्द्री मेन्द्रातान, नून्द्री टीकरान, नून्दी
मालदेव जालिया सिटी मे शामिल कर सभी गाँवों की क्षेत्र नगरीय सीमा मे रखकर
वांर्डो की संख्या निश्चित की जाकर चुनाव कराये जावे। ऐसा होने से ब्यावर
नगर परिषद् से निगम में क्रमोन्नत होगा। अतः शहर की नई सीमा से ब्यावर सिटी
का विस्तार होगा। यह फैलाव अब करना निहायत जरूरी है। क्योंकि जनसंख्या की
त्वरित गति से वृद्धि के साथ साथ व्यापार उद्योग का विस्तार भी द्रुत गति
हुआ है।
अब ब्यावर जिला मुख्यालय भी है। अतः मुख्यालय के सभी प्रशासनिक कार्यालयों
के लिये भी ऐसा करना जरूरी है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर ब्यावर नगर
निकाय के चुनाव कराये जावे ताकि नगर का सघन एवं सर्वागीण विकास सुनिश्चित
हो सके। लेखक ने वाजिब जानकर लिखा है। यथाशीघ्र सृजनात्मक व रचनात्मक कार्य
किया जावे ऐसी राज्य सरकार, निकाय विभाग, नगर परिषद् एवं ग्राम पंचायतों से
अपेक्षा है यदि हो सके तो सम्भवतया ब्यावर विकास प्राधिकरण स्थापित करने की
भी राज्य सरकार से गुजारिश है ताकि सघन विकास सम्भव हो सके। अग्रिम धन्यवाद
के साथ।
ब्यावर नगर में मिलाये गए सभी गाँवों का क्षेत्र ब्यावर नगर की सीमा
निर्धारित करेगी जो नगर का स्वरूप भावी होगा क्योंकि ब्यावर अब जिला
मुख्यालय है जिसके सभी प्रशासनिक, वित्तिय, न्यायिक, व्यापार, उद्योग का
विस्तार भी इसी परिधि में होना है। जनसंख्या के विस्तार के साथ साथ सिटी के
क्षेत्र का विकास जरूरी है क्योंकि जिला मुख्यालय पर सभी तरह की सुविधाओं
का होना आवश्यक है। फिर ब्यावर का विशेष महत्व है व्यापार उद्योग व पर्यटन
स्थलों का केन्द्रिय स्थान होनेे के कारण।
24.11.2024
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