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1 फरवरी 2022 को ब्यावर शहर का 187वेंस्थापना दिवस पर

ब्यावर को जिला बनाया जाये

प्रस्तुतकर्ता - वासुदेव मंगल, ब्यावर

स्थापना के समय से मेरवाड़ा बफर स्टेट के नाम से जाना जाता था जैसा कि प्रस्तुत मानचित्र से स्पष्ट है। ब्यावर उस समय मेरवाड़ा बफर स्टेट की राजधानी था। चूंकि अजमेर भी उस समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी का ही प्रदेश था। अतः सन 1852 में मेरवाड़ा के शासन के साथ साथ अजमेर प्रशासन की जिम्मेवारी भी कम्पनी ने कर्नल डिक्सन को सौंप दी। परन्तु डिक्सन मृत्यु पर्यन्त तक ब्यावर ही रहे। अजमेर का शासन कैम्प के  जरिये करते है। साथ नसीराबाद की छावनी की जिम्मवारी भी निभाते रहे।कर्नल चाल्‍स  जार्ज डिक्सन की मृत्यु 25 जून 1857 में ब्यावर में हुई तत्पश्चात् ब्रिटेन की सरकार ने 1 दिसम्बर 1858 में भारत देश का शासन ईस्ट इण्डिया कम्पनी से अपने हाथ में ले लिया। इस व्यवस्था के अन्तर्गत बरतानिया सरकार ने मेरवाड़ा में अलग से कमिश्नर व्यवस्था  के अन्तर्गत बरतानिया सरकार ने मेरवाड़ा में अलग से कमिश्नर व्यवस्था लागू की जो आज भी निरन्तर चल रही है। भारत को आजादी देते समय के वक्त वर्तमान राजस्थान प्रदेश राजपूताना कहलाता था। उस वक्त देशी रियासतों के पच्चीस परगने हुआ करते थे और मेरवाड़ा-अजमेर अलग से अंग्रेजी रियासते थीं। अतः 30 मार्च 1949 को राजपूताना को पच्चीस देशी परगनों को जिले का नाम देते हुए प्रजामण्डलों के साथ साथ राजस्थान का नाम दिया गया। लेकिन अजमेर और मेरवाड़ा अंग्रेजी रियासत फिर भी अलग सेअजमेर मेरवाड़ा के नाम से अलग से ही अस्तित्व में रही भारत देश का चौदहवें राज्य (स्टेट) के नाम से। उसी बीच भारत में 26जनवरी 1950 को गणतन्त्र व्यवस्था लागू की गई और 1952 में पूरे देश में आम चुनाव करवाया गया। अतः 1952 में राजस्थान में 25जिलों के साथ शासन व्यवस्था अलग थी ओर अजमेर मेरवाड़ा चूंकि भारत का चौदहवां अलग प्रदेश था जिसमें शासन व्यवस्‍था अलग थीं। राजस्थान में शासन की यह व्यवस्था 31अक्टूबर 1956 तक बदस्तूर बरकरार रही। अतः इस दिन तक 25 जिलों का प्रदेश बना रहा। राज्य पुनरगठन आयोग की सिफारिश के तहत् अजमेर मेरवाड़ा को राजस्थान में मिलाये जाने पर अजमेर को और मेरवाड़ा को ब्यावर क नाम से दो अलग अलग जिले बनाये जाने थे। चूंकि यह व्यवस्था राजस्थान की तत्कालिन सुखाड़िया सरकार को करनी थी। एक तयशुदा समझौते के अन्तर्गत। परन्तु बडे दुख के साथ लिखना पड़ा रहा है उस समय की राजस्थान की सरकार ने वादा खिलाफी कर अजमेर को राजस्थान की राजधानी की जगह 26वाँ जिला बना दिया ओर ब्यावर की जनता के साथ धोका कर जबरिया सब डिवीजन (उपखण्ड) बनाया। तब से लेकर आज तक कांगे्रस पार्टी ने 52 साल राजस्थान में राज किया। मात्र अजमेर के अलावा एक प्रतापगढ़ जिला बनाया। वर्तमान में राजस्थान में 33 जिले है जिनमें दो कांगे्रस पार्टी ने अपने 52 साल के शासन में मात्र दो जिले अजमेर और प्रतापगढ़ बनाये जबकि जनता दल और भारतीय जनतापार्टी ने अपने 21 साल के शासन में छः जिले धोलपुर, करौली, हनुमानगढ़, दौसा, बांराऔर राजसमन्द बनाये। जब की तबसे अब तक राजस्थान प्रदेश क्षेत्रफल में भारत का सबसे बड़ा राज्य है। वर्तमान में भी राजस्थान में कांगे्रस पार्टी की तीसरी बार गहलोत सरकार तीन साल से है। गहलोत सरकार का अब नौ फरवरी से राजस्थान का चौथा बजट सत्र आरम्भ होने जा रहा है। अतः वर्तमान सरकार को इस बजट सत्र में ब्यावर को जिला घोषित कर ब्यावर क्षेत्र की जनता की भावना का सम्मान करे जो पिछले 66 साल से अवशोषित कर रखा है। यह ब्यावर क्षेत्र की जनता की 66 साल से निरन्तर मांग है। आज ब्यावर के 187वें स्थापना दिवस पर लेखक ब्यावर क्षेत्र की जनता को शुभकामना और बधाई पे्रषित करते है। उम्मीद है ब्यावर 65 साल में 66 उपखण्ड अधिकारी (सब डिविजन आफीसर) देखने के बाद अब की बार जिलाधिकारी (कलेक्टर) देेखेगी ऐसी राज्य की गहलोत सरकार से आशा है। ब्यावर ने अपने 186 वर्ष के समय में अनेक राजनैतिक और प्रशासनिक उतार.चढ़ाव देखे है। उम्मीद करते है कि कांग्रस अपनी गल्‍ती को दूरूस्‍त करके जिले की घोषणा होने के साथ ही ब्यावर चहुँ दिशा में विकास के आयाम स्थापित कर पुनः अपनी अतीत का गौरव फिर से अर्जित करेगा। और इसी कामना के साथ एक बार फिर लेखक की ब्यावर के स्थापना दिवस पर ढे़र सारी बघाईयाँ। 186 साल में ब्यावर के आपने कितने आयाम देखे होंगे अब आप ब्यावर के विकास का क्लाईमेक्स देखना।

।। जय हिन्द।।

 

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