ब्यावर में म्युनिसिपल कमेटी

ब्यावर में म्युनिसिपल कमेटी की स्थापना 1 मई सन् 1867 ई. को हुई। यह राजपूताना की सर्वप्रथम म्यूनिसिपल कमेटी थी जो सन् 1850 ई. के 26वें एक्ट के अनुसार बनी थी। इसमें 15 सदस्य थे जिनमें 12 जनता द्वारा चुने हुए व 3 सदस्य सरकार द्वारा मनोनीत किये गये थे।

उन दिनों कमेटी के अध्यक्ष (चेयरमेन) ब्यावर के सहायक कमिश्नर (ई ए सी) हुआ करते थे। ब्यावर की कमेटी में प्रथम सैक्रेटरी बंगाली श्री अखैकुमार सरकार नियुक्त हुए।

सन् 1888 ई. में कमेटी के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई जिनमें 15 निर्वाचित व 5 सरकार द्वारा मनोनीत होते थे। निवार्चित 15 सदस्यों में 9 हिन्दू, 4 मुसलमान व 2 ईसाई होते थे। सन् 1897 ई. तक तिहाई सदस्य हर वर्ष अपना स्थान त्याग देते थे व उनके स्थान पर नये सदस्य चुन लिये जाते थे।

जब म्युनिसिपल कमेटी में गैर सरकारी अध्यक्ष होने लगे तो ब्यावर में सर्वप्रथम श्रीलक्ष्मीनारायण जी माथुर एडवोकेट अध्यक्ष (चेयरमेन) चूने गये।

सन् 1947 ई. में स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय श्रीमुकुटबिहारी लालजी भार्गव चेयरमेन थे। वे प्रायः अजमेर रहा करते थे। अतः ब्यावर कमेटी का कार्य सीनियर वाइस चेयरमेन श्री बृजमोहनलाल जी किया करते थे।

नगर आॅठ वार्डो में विभक्त कर दिया था। प्रत्येक वार्ड से तीन सदस्य चुने जाते थे। इस प्रकार चैबीस चुने हुए व तीन मनोनीत कूल सताईस सदस्यों कीे कमेटी बनने लगी। इनकी समय सीमा तीन वर्ष की होती थी। यह प्रथा सन् 1970 तक बदस्तूर चलती रही।

सन् 1971 में आठ वार्डो को बाईस वार्डो में विभक्त कर दिया गया। इनमें से प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य चुना जाता था। चार स्थान अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए सुरक्षित रक्खे गये व दो सदस्यों को मनोनीत किया जाता था। इस प्रकार सन् 1971 ई. में कमेटी की सदस्य संख्या अटठाईस हो गई। ये सब सदस्य मिलकर अपने में से एक व्यक्ति को अध्यक्ष चुनकर कमेटी के कार्य का संचालन करने लगे। सन् 1972 ई. में म्युनिसिपल बोर्ड भंग कर दिया गया और इसके स्थान पर उपखण्ड अधिकारी प्रशासक के रूप में नगर परिषद् का काम सन् 1988 तक करते रहे।

ब्यावर के एक जागरूक नागरिक श्रीद्वारकाप्रसाद मित्तल द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के तहत सन् 1988 में पुनः नगरपरिषद के चुनाव कराये जाने लगे। इस बार नगर की सीमाऐं बढने के कारण अब 35 वार्ड स्थापीत कर दिये गये। सन् 1988 ई. से आम चुनाव की समय सीमा 5 साल कर दी गई।

इस प्रकार सन् 1988 से लेकर सन् 2004 तक ब्यावर नगरपरिषद के 3 आम चुनावों में पाॅंच पाॅंच साल के अन्तराल से 135 पार्षदों ने 16 वर्षों में ब्यावर का जो विकास किया हैं वह आपके सामने है। बडे दुख के साथ लिखना पड रहा है कि ये जनप्रतिनिधि जनहित के कार्य न करके स्वयं हित के कार्यों पर केन्द्रित रहे जिससे ब्यावर का विकास एक दम से ठहर सा गया है।

अब नवम्बर सन् 2004 में ब्यावर नगरपरिषद के चैथे आम चुनाव सन्निकट है। विकास करने की बडी बडी दुहाई लेकर उम्मीदवार मतदाता के सामने फिर से मत मांगने आयेगें। फैसला आपको करना है कि ब्यावर का अगले पाॅंच सालों तक विकास कैसा हो, सही निर्णय करना आपके हाथ में है। ब्यावर की जनता के लिए फिर से सुनहरा मौका है। अगर यह मौका आपने हाथ से गंवा दिया तो फिर पछताने के सिवाय और कुछ न रह जायेगा। अतः ब्यावर के जागरूक नागरिकों, बहुत हो चुकी ब्यावर शहर की बरबादी...... अब तो जागो, सम्भलो और नैतिक मुल्यों वाले जन सेवा के प्रति समर्पित व्यक्ति उम्मीदवार को चुनकर ही ब्यावर नगरपरिषद में भेजने पर आपकी, हमारी, ब्यावर की, हम सब की इसी में भलाई है। नहीं तो ये तमाम भू माफिया इस शहर को विकृत कर के रख देगें। क्योंकि अब नगरपरिषद के हाथों में शहर की जमीनों का जूम्मा आ गया है जिसका नाजायज उपयोग ये लोग अपने स्वार्थ के लिए कर सकते है। पूरे राजस्थान में मात्र ब्यावर के सिवाय कहीं भी किसी भी शहर में 90 बी की धारा लागू नहीं हैं जिसके अन्र्तगत नगरपरिषद के नूमाईन्दे भू-माफियाओं के साथ मिलकर एकतरफा जबरिया कार्यवाही करके रजिस्टर्डसुदा निजी जमीनों एवं प्लाटों को सरकारी खाते में खता दिया गया जो न्यायसंगत नहीं है। अतः ब्यावर के नागरिकों के हित में इस तरह की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। अब चूकिं चुनाव सर पर है तो इस गलत किये गये कार्य में नगरपरिषद सुधार कर लें ताकि निज जमीन व प्लाट मालिकों को राहत मिल सके।
सन् 1867 से लेकर सन् 2004 तक ब्यावर म्युनिसिपल कमेटी के सदस्यों की संख्या
dza-la- lu~ turk }kjk fuokZfpr lnL; ljdkj }kjk euksuhr lnL; dqy lnL; la[;k
dqy la[;k fgUnw eqlyeku bZlkbZ vuw- tkfr fiNMh tkfr lkekU; oxZ
iq:"k efgyk iq:"k efgyk iq:"k efgyk
1- 1967 12 3 15
2- 1988 15 9 4 2 5 20
3- 1947 8 xquk 3 3 lky dh vof/k ds fy, 3 27
4- 1971 22 4 2 28
5- 1972 1972 ls 1988 rd dksbZ pquko ughaA mi[k.M vf/kdkjh iz'kkld gksrk jgkA
6- 1988 35 35
7- 1999 45 45
8- 2004 45 6 3 6 3 20 7 45

ifj"kn~ pqukoksa gsrq fQj izR;k'kh yqHkkous ukjs ysdj eSnku esa mrjxsaA

lu~ 2004 ds uoEcj ekg esa gksus okys uxjifj"kn C;koj ds okMZ vkj{k.k dh lwph

 

dz- la- vkj{k.k dh lwph okMZ la[;k dqy la[;k
1- vuqlwfpr tkfr iq:"koxZ 1] 3] 8] 20] 29 o 41 6
2- vuqlwfpr tkfr efgykoxZ 2] 18] 31 3
3- vU; fiNMh tkfr iq:"koxZ 13] 25] 26] 28] 32] 34] 6
4- vU; fiNMh tkfr efgykoxZ 10] 38] 40 3
5- lkekU; iq:"koxZ 4] 5] 6] 9] 11] 14] 15] 16] 17] 19] 21] 24] 30] 33] 35] 36] 37] 39] 44] 45 20
6- lkekU; efgykoxZ 7] 12] 22] 23] 27] 42] 43 7

 

Copyright 2002 beawarhistory.com All Rights Reserved